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उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख ज़िला, बरेली, आलू की खेती और उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि देख रहा है, यह प्रवृत्ति पिछले तीन वर्षों से लगातार देखी जा रही है। कृषि में यह उछाल न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि अंतर-ज़िला व्यापार की महत्वपूर्ण भूमिका को भी उजागर कर रहा है, क्योंकि बरेली के बाज़ारों में आलू की आपूर्ति का एक बड़ा हिस्सा पड़ोसी बदायूं से आता है।


ज़िले के आलू के रकबे और उत्पादन में उल्लेखनीय और निरंतर वृद्धि देखी गई है। 2022 में, बरेली ने 7,035 हेक्टेयर में आलू की खेती की, जिससे 23.99 लाख क्विंटल की प्रभावशाली उपज हुई। यह वृद्धि दर 2023 तक जारी रही, जहाँ खेती का रकबा बढ़कर 7,055 हेक्टेयर हो गया और उत्पादन 24.05 लाख क्विंटल तक पहुँच गया। पिछले वर्ष, 2024 के नवीनतम आंकड़े इस सकारात्मक रुझान को और रेखांकित करते हैं, क्योंकि 7,133 हेक्टेयर आलू की खेती के लिए समर्पित थे, जिसके परिणामस्वरूप 24.36 लाख क्विंटल का मजबूत उत्पादन हुआ। इस निरंतर विस्तार से बागवानी विभाग को इस वर्ष आलू के रकबे में और वृद्धि की उम्मीद है, जिसकी बुवाई आमतौर पर अक्टूबर में शुरू होती है। किसानों की बढ़ती रुचि और आलू की खेती की ओर उनके रुझान का एक प्रमुख कारक पिछले दो से तीन वर्षों में उन्हें अपनी उपज के लिए लगातार मिल रहे अनुकूल मूल्य हैं। यह वित्तीय प्रोत्साहन आलू की खेती को क्षेत्र के कृषि समुदाय के लिए एक आकर्षक विकल्प बनाता है।

इस बढ़ते उत्पादन का समर्थन करने के लिए, बरेली बुनियादी ढांचे से अच्छी तरह से सुसज्जित है। जिले में 31 कोल्ड स्टोरेज सुविधाएं हैं, जो सामूहिक रूप से 1.60 लाख क्विंटल आलू का सुरक्षित भंडारण करने में सक्षम हैं, जो पूरे वर्ष गुणवत्ता बनाए रखने और आपूर्ति सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। जिला बागवानी अधिकारी जितेंद्र कुमार द्वारा पहचाने गए बरेली के प्रमुख आलू उत्पादक क्षेत्रों में आलमगीरपुर जाफराबाद, मझगवां, फरीदपुर और आंवला शामिल हैं, जिन्हें अत्यधिक उत्पादक आलू बेल्ट के रूप में पहचाना जाता है।


बरेली के प्रभावशाली स्थानीय उत्पादन आंकड़ों के बावजूद, बदायूं जिला बरेली की आलू की मांग को पूरा करने में एक महत्वपूर्ण और यहां तक कि प्रमुख उपस्थिति रखता है। एक प्रमुख थोक सब्जी और फल मंडी कमीशन एजेंट सिंधु एंड कंपनी के राजेश कुमार के अनुसार, बरेली में आलू की 80 प्रतिशत खपत बदायूं जिले से आपूर्ति द्वारा पूरी की जाती है। बरेली मंडी में आलू की दैनिक आवक अच्छी खासी होती है, प्रतिदिन 10-12 ट्रक आते हैं, जिनमें से प्रत्येक में लगभग 1500 क्विंटल आलू की पर्याप्त मात्रा होती है। वर्तमान में, थोक बाजार में आलू 10 से 12 रुपये प्रति किलोग्राम के प्रतिस्पर्धी मूल्य पर बेचा जा रहा है यह भी उल्लेखनीय है कि जहाँ बदायूँ के आलू बरेली के बाज़ार में छाए रहते हैं, वहीं बरेली के वज़ीरगंज और बिसौली जैसे इलाकों से कुछ स्थानीय किस्में विशेष रूप से दिल्ली की विशाल आज़ादपुर मंडी में भेजी जाती हैं, जो बरेली के उत्पादों के लिए एक विविध बाज़ार का संकेत है।


बरेली के आलू क्षेत्र में निरंतर वृद्धि, आधुनिक भंडारण सुविधाओं और एक सक्रिय बाज़ार के साथ-साथ बदायूँ के साथ मज़बूत आपूर्ति साझेदारी, इस क्षेत्र में एक फलती-फूलती और गतिशील आलू अर्थव्यवस्था को दर्शाती है। यह प्रवृत्ति किसानों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए लाभकारी है, और कृषि परिदृश्य में स्थिरता और समृद्धि का वादा करती है।

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